हर साल खसरे से होती है लाखों बच्चों की मौत, जानें लक्षण और टीका लगवाने का तरीका

हर साल खसरे से होती है लाखों बच्चों की मौत, जानें लक्षण और टीका लगवाने का तरीका

सेहतराग टीम

गर्मियों में खसरा होना आम बात है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। वैसे यह काफी सामान्य बीमारी है लेकिन देखते ही देखते यह खतरनाक भी हो जाती है। ऐसी स्थिति में इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। खसरा एक संक्रामक बीमारी है, जो आमतौर पर छोटे बच्चों को ज्यादा प्रभावित करती है। आड़कों की बता करे तो पूरी दुनिया में हर साल लगभग एक लाख बच्चे हर साल खसरा की बीमारी के कारण 5 साल से कम उम्र में ही मर जाते है। आज से कुछ दशकों पहले तक ये बीमारी छोटे बच्चों में मौत की सबसे बड़ी वजहों में से एक थी। खसरा के लिए कोई विशेष इलाज नहीं है, मगर बच्चों को बचपन में ही इसका टीका लगवाकर उन्हें इस गंभीर बीमारी से बचाया जा सकता है। भारत सहित तमाम विकासशील देशों के लिए बच्चों में खसरा एक बड़ी समस्या है। आज भी बहुत सारे लोग जानकारी के अभाव में इस टीके को नहीं लगवाते हैं।

पढ़ें- आखिर बच्चे रात को अचानक उठ कर क्यों रोने लगते हैं, जानें क्या है वजह?

तेजी से फैलता है खसरा

खसरा का खतरा उन बच्चों और बड़ों को सबसे ज्यादा होता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बहुत कम होती है। आमतौर पर खसरा किसी संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकलने वाली लार, नाक से बहने वाले द्रव या छींकने, खांसने के दौरान निकलने वाली छोटी-छोटी बूंदों के संपर्क में आने से होता है। आमतौर पर इसके वायरस 2 घंटे तक सक्रिय रहते हैं और इस दौरान उसके संपर्क में आने वाले व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं। अगर घर में किसी एक बच्चे या व्यक्ति को खसरा हो गया, तो अन्य सदस्यों को भी इसके होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।

खसरा के लक्षणों को कैसे पहचान सकते हैं?

  • शरीर पर दाने या चकत्ते निकलना
  • लगातार बुखार आना
  • तेज और लगातार खांसी आना
  • लगातार नाक बहना
  • आंखों का लाल हो जाना

आमतौर पर खसरा के लक्षण 2 दिन बाद दिखना शुरू होते हैं। शुरुआत में पूरे शरीर में छोटे-छोटे दाने आ जाते हैं। इसके बाद खांसी, बुखार और नाक बहने की समस्या शुरू हो जाती है। इस स्थिति में बच्चे के शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। कई बार स्थिति बिगड़ने पर रोगी को लगातार दस्त होते रहते हैं और इंसेफ्लाइटिस भी हो सकता है।

कब और कैसे लगवाएं बच्चों को टीका?

आमतौर पर खसरे का टीका बच्चों को 9 माह से 1 साल की उम्र के बीच लगाया जाता है। इसके बाद इसका एक बूस्टर डोज लगाया जाता है, जो 18वें महीने से 2 साल की उम्र के बीच लगवाया जाता है। कई बार कुछ बच्चों को खसरे के साथ कुछ अन्य जानलेवा बीमारियों का टीका मिलाकर एक बार में ही लगा दिया जाता है। इसके 4 कॉम्बिनेशन हो सकते हैं।

  • खसरा, गलसुआ, और रुबेला का टीका (MMR)
  • खसरा, रुबेला, गलसुआ, और छोटी माता (चिकनपॉक्स) का टीका (MMRV)
  • खसरा और रुबेला का टीका (MR)
  • अकेला खसरा का टीका

बच्चों को जरूर लगवाएं सभी टीके

आमतौर पर 5 साल से पहले-पहले बच्चों को 11 जानलेवा बीमारियों के टीके लगाए जाते हैं। इन सभी टीकों की जानकारी आपको अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल या बच्चों के अस्पताल में मिल जाएगी। इन टीकों को लगवाने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है और वे बीमारियों से बचे रहते हैं। कई सरकारी अस्पतालों में ये टीके मुफ्त लगाए जाते हैं।

(साभार-दैनिक जागरण)

इसे भी पढ़ें-

जानें क्या है लर्निंग डिसऑर्डर यानी पढ़ने-लिखने की बीमारी?

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।